आज आप इस पोस्ट में तारो का जन्म,रंग,चमक सबके बारे में जानेंगे।
तारों का जन्म कैसे हुआ?
निहारिका तारों की नर्सरी होती है, अनिलो के बादल और वैश्विक धूल कणों से निहारिका संगठित होती है। अनिलो और धूल कणों के बादलों के अत्यंत तेज चक्रण से तारों का जन्म होता है।
तारो का रंग किस पर निर्भर करता है?
सभी तारो का रंग एक समान नहीं होता है| कुछ का लाल,कुछ का सफेद व कुछ का नीला सफेद होता है| ये रंग तारों के तापमान के संकेत होते है| लाल तारे अत्यंत शीतल होते हैं,नीले सफेद तारे अत्यंत गर्म होते हैं| हमारा सूर्य एक पीला तारा है|
तारे किस पदार्थ से बने होते हैं?
उत तारे हाइड्रोजन और हीलियम से बने होते हैं, सितारों में हाइड्रोजन लगातार हीलियम में बदल रहा है।इस प्रतिक्रिया में ताप और प्रकाश का उत्पादन पर्याप्त माताओं में होता है जिसके कारण तारे चमक रहे होते हैं।
तारो की चमक किस पर निर्भर है?
सभी तारे प्रकाशमान होते है,तारो को चमक या कांति उसकी आकृति,उसके तापमान और महत्वपूर्ण रूप से पृथ्वी से उनकी दूरी पर निर्भर करती है|जिन तारो की दूरी पृथ्वी से कम होती है वे तेज चमकते दिखाई देते है और जिनकी दूरी अधिक होती है वे मंद बिंदु से दिखाई देते है|
तारे क्यों टिमटिमाते है?
तारे पृथ्वी से बहुत दूर है| तारो से निकलने वाले प्रकाश की किरणों को पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरना पड़ता है| ऐसा करते हुए वे मुड़ जाती है या अपवर्तन हो जाता है इसी कारण तारे टिमटिमाते हुए दिखाई देते है|
तारों का अंत किस प्रकार होता है?
तारों का जीवन करोड़ों वर्षो का होता है। ये अपने जीवन चक्र की समाप्ति पर,सुंदर,चमकता हुआ तारा अपना पूरा प्रकाश और उष्णता खो देता है और एक शीतल काला बौना तारा बन जाता है। हमारा सूर्य एक मध्य आयु का तारा है.
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