रात को में विशेषकर अमावस्या की रात को अनेकों तारे आकाश में दिखाई देते है।उनमें से कुछ तारे मिलकर अलग अलग समूह बनाते है जो किसी आकृति कि तरह प्रतीत होती है। उसे हम तारामंडल कहते है।

तारामंडल क्या है?(What is constellation)



आकाश में एक निर्दिष्ट आकृति लेने वाले तारो का समूह ही तारामंडल कहलाता है|कुछ तारा समूह पहचानने योग्य आकृतियों का रूप ले लेते है,और रात के दौरान वे आकाश में अपना स्थान बदलते रहते है|परन्तु एक निर्दिष्ट आकृति लेने वाले तारे एक साथ रह जाते है|कुल मिलाकर 88 तारामंडल है|जैसे-सप्त ऋषि तारामंडल|

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सप्तऋषि तारामंडल क्या है?(What is great bear constellation)


यह सात तारो का समूह है|जो भालू की तरह दिखाई देता है| जो उसकी पीठ और पूंछ बनाते है|अगर इन तारो को एक काल्पनिक रेखाओं को आपस में जोड़ दे तो आप उसे मूठ या हैंडल सहित कडाही के रूप में देख सकते है|इसे ही बिग डिप्पर या हल कहा गया है|हमारी संस्कृति में इसे सात ऋषि कहा जता है|हल की कडाही के अंतिम दो तारो को सूचक कहा जाता है|

ओरियान तारामंडल क्या है?



भारत में इसे मृगशिरा तारामंडल कहते है|इसमें कुछ तारे अत्यंत प्रकाशमान होते है|इस तारामंडल को न टूटने वाला गदा युक्त शिकारी भी कहा जाता है|इसके तीन कान्तिमान तारो का कमर बंध और खड्ग के कान्तिमान तारों से ओरियान तारामंडल को आसानी से पहचाना जा सकता है|यह शीतकाल में उत्तरी गोलार्द्ध में आसानी से दिखाई देता है|

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