मनुष्य अब चांद पर जा चुका है,मनुष्य अंतरिक्ष की गहराइयों को बहुत हद तक समझ भी चुका है, इंसान को कही दूर सफर करने के लिए एडवांस कर,ट्रेन और ऐरोप्लेन है,मनुष्य को ब्रह्माण्ड को समझने के लिए टेलीस्कोप है इत्यादि लेकिन आप जानते हो यह कैसे संभव हो पाया यह सन विज्ञान की संभव हो पाया है।आसमान नीला क्यो दिखाई देता है,तारे क्यो टिमटिमाते है, पृथ्वी गोल क्यो है?,पृथ्वी के पास एक ही चांद क्यो है इन सभी का जवाब विज्ञान के पास है,लेकिन कुछ सवाल ऐसे भी हैं जिसका जवाब विज्ञान के पास नही है।
कुछ सवाल ऐसे भी जिसका जवाब विज्ञान के पास नही है:भाग 2(There are questions of which science has no answer:Part 2)
डार्क मैटर किससे बना है?
आसमान में आप जितने भी तारे,ग्रह,उल्कापिंड,गलैक्सी जितनी भी आकाशीय पिंड आप रात को देखते है, ब्रह्माण्ड का केवल 5 प्रतिशत ही देखते है,बाकी सभी डार्क एनर्जी और डार्क मैटर है। ब्रह्माण्ड में 95 फीसदी से ज्यादा पदार्थ दिखाई नहीं देता और इसे डार्क मैटर कहते हैं. आज तक यह रहस्य बना हुआ है कि डार्क मैटर किस चीज से बना है. डार्क मैटर का पता 60 साल पहले चला था लेकिन आज तक इसके होने की पुष्टि नहीं हो पाई है.
डार्क एनर्जी क्या है?
माना जाता है कि अंतरिक्ष की कुल ऊर्जा का 70 फीसदी हिस्सा डार्क ऊर्जा है. यह अंतरिक्ष के फैलाव के फलस्वरूप पैदा हुई. यह ऊर्जा स्थिर या परिवर्तनशील है, यह अब तक ज्ञात नहीं
क्या एलियंस होते है?
क्या अंतरिक्ष में एक मात्र मनुष्य ही प्रखर बुद्धि जीव है या उसके अलावा दूसरे ग्रहों पर अन्य जीव भी हैं, यह रहस्य भी बना हुआ है.
जीवन की शुरुआत
यह एक बड़ा सवाल है कि पृथ्वी पर इंसान के अस्तित्व की शुरुआत कहां से हुई. साथ ही सवाल यह भी है कि यह शुरुआत पृथ्वी पर ही क्यों हुई. कई शोध बताते हैं कि मनुष्य का विकास जटिल अणुओं के विघटन और सम्मेलन से हुआ होगा, लेकिन सारे जवाब अभी नहीं मिले हैं.
गुरुत्वाकर्षण कैसे काम करता हैं
चंद्रमा का गुरुत्व बल समुद्र में ज्वार भाटा आने का कारण है. पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल उसे सूर्य के कक्ष में स्थिर रखता है. लेकिन यह गुरुत्वाकर्षण बल असल में कहां से आया, वैज्ञानिक इसे पूरी तरह से स्पष्ट नहीं कर पाए हैं. यह गुरुत्वाकर्षण अन्य कणों के गुरुत्व केंद्र के साथ कैसे संतुलन बनाता है?
पृथ्वी की परतों का खिसकना
हम जानते हैं कि भूगर्भीय परतों के खिसकने से भूकंप आते हैं, ज्वालामुखी फटते हैं या फिर महाद्वीपों या पहाड़ों की रचना होती है. लेकिन इन परतों के खिसकने के कारण को रिसर्चर आज तक पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं.
यदि यह पोस्ट आपको अच्छी लगती है तो इसे शेयर करे।
If you want to contact with me so Click here
दोस्तो आपका इस पोस्ट के बारे में क्या विचार है हमे कॉमेंट द्वारा बताए
इसे भी पढ़ें
इसे भी पढ़े
मनुष्य अब चांद पर जा चुका है,मनुष्य अंतरिक्ष की गहराइयों को बहुत हद तक समझ भी चुका है, इंसान को कही दूर सफर करने के लिए एडवांस कर,ट्रेन और ऐरोप्लेन है,मनुष्य को ब्रह्माण्ड को समझने के लिए टेलीस्कोप है इत्यादि लेकिन आप जानते हो यह कैसे संभव हो पाया यह सन विज्ञान की संभव हो पाया है।आसमान नीला क्यो दिखाई देता है,तारे क्यो टिमटिमाते है, पृथ्वी गोल क्यो है?,पृथ्वी के पास एक ही चांद क्यो है इन सभी का जवाब विज्ञान के पास है,लेकिन कुछ सवाल ऐसे भी हैं जिसका जवाब विज्ञान के पास नही है।
0 टिप्पणियाँ