शुक्र ग्रह के बारे में रहस्यमई और रोचक बाते(Mysterious fact about Venus in Hindi)


आपने सुबह में और शाम में एक सबसे चमकीले तारे को देखा ही होगा,पर आपको जानकर हैरानी होगी कि वह कोई तारा नहीं दरअसल वह एक ग्रह है जिसका नाम शुक्र है तो आज हम शुक्र के बारे में कुछ अजीबो गरीब तथ्य जानेंगे जो आपके होश उड़ा देंगे।
*शुक्र ग्रह पर पहले जीवन था,जानेंगे इस पोस्ट में।

तो चलिए शुरू करते हैं:-

शुक्र ग्रह का एक दिन और एक साल


पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे का और एक वर्ष 356 दिन का होता है इसका मतलब एक वर्ष बड़ा एक दिन से। पर शुक्र ग्रह एक अजीब ही ग्रह है उसका एक दिन 243 दिन का होता है और एक वर्ष 225 दिन का होता है जिससे पता चलता है कि शुक्र ग्रह का एक दिन बड़ा होता है उसके एक वर्ष से, अजीब है न...


शुक्र ग्रह पर सूर्योदय और सूर्यास्त

शुक्र ग्रह अपने में ही रहस्यमई ग्रह है,यदि बात करे पृथ्वी कि तो यह सूर्योदय पूरब में होता है और सूर्यास्त पश्चिम में होता है।
शुक्र ग्रह पर सूर्योदय पश्चिम में होता है और सूर्यास्त पूरब में होता है ऐसा इसलिए होता है कि शुक्र ग्रह पश्चिम से पूरब की तरफ सूर्य का परिक्रमा करता है।शुक्र ग्रह पश्चिम से पूरब दिशा की ओर परिक्रमा क्यों करता है? वैज्ञानिकों की मानें तो शुक्र ग्रह से कोई बहुत बड़ा उल्कापिंड टकराई होगी जिसके वजह से इसकी गति धीमी हो गई और यह उल्टी दिशा में परिक्रमा करने लगा।

पृथ्वी की जुड़वा बहन


शुक्र ग्रह को पृथ्वी की जुड़वा बहन कहा जाता है।ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि शुक्र ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 81% है और यदि बात करे व्यास की तो शुक्र ग्रह का व्यास पृथ्वी के व्यास का 95% है।ऐसा हमारे सोलर सिस्टम ने शुक्र एकमात्र ऐसा ग्रह है जो पृथ्वी से इतना समानता रखता है।

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शुक्र ग्रह पर जीवन

शुक्र ग्रह को पृथ्वी का जुड़वा बहन माना जाता है इसलिए वैज्ञानिकों को विश्वास था कि शुक्र ग्रह पर भी जीवन होगा।जब शुक्र ग्रह पर स्पेस यान भेजे गए तब पता चला कि वहा अम्ल के बादल है जो कि जीवन के लिए काफी खतरनाक है और उस ग्रह का तापमान 465 डिग्री सेल्सियस था अतः इस तापमान पर जीवन बिल्कुल भी संभव नहीं है।हाल ही की शोध से ये पता चला है कि पहले शुक्र ग्रह पर जीवन था यह ग्रह पृथ्वी की ही तरह हरा भरा था।वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड होने के कारण ग्रीनहाउस इफेक्ट के प्रभाव से इस ग्रह का तापमान ज्यादा होने लगा,शुक्र ग्रह का सतह आग की तरह गरम हो गया।शुक्र ग्रह पर अम्ल के बादल बन गए और इस ग्रह पर से जीवन ख़तम हो गया। हम पृथ्वी पर दिन प्रतिदिन प्रदूषण फैलाते जा रहे है और पिछले सालों में कार्बन डाइऑक्साइड में काफी मात्रा में वृद्धि हुई है यदि हम ऐसा ही करते रहे तो हमारी पृथ्वी भी शुक्र ग्रह की तरह बन जाएगी और पृथ्वी से जीवन ख़तम हो जाएगा।कृपया करके प्रदूषण ना करे।

शुक्र ग्रह का तापमान और वातावरण


शुक्र ग्रह का वातावरण काफी गरम है,इस ग्रह पर काफी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड पाया जाता है।हमारे सौरमंडल में मौजूद ग्रहों में से किसी के पास इतना कार्बन डाइऑक्साइड नहीं है जितना शुक्र ग्रह के पास है।बुध ग्रह सूर्य के सबसे नजदीक वाला ग्रह है पर ये ग्रह सबसे ज्यादा गरम ग्रह नहीं है क्योंकि इसका कोई भी अपना वातावरण नहीं है।शुक्र ग्रह हमारे सौरमंडल का सबसे गरम ग्रह है क्योंकि इस ग्रह पर सबसे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड है।शुक्र ग्रह का वातावरण इतना गरम है यदि इसे सतह पर 16 इंच का पिज़्ज़ा को रख दिया जाए तो 7 सेकंड में पाक जाएगा और यदि हम इस ग्रह के सतह पर lead धातु को रखते है तो चंद पलो में ही उसे पिघला देगा।

शुक्र ग्रह पर ज्वालामुखी

बृहस्पति हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है,उसके बाद शनि आता है यदि हम इन दोनों ग्रहों की ज्वालामुखी की संख्या को जोड़ से तो भी शुक्र ग्रह पर मौजूद ज्वालामुखी का सामना नहीं कर सकती। शुक्र ग्रह पर ज्वालामुखी सबसे ज्यादा पाई जाती।इस ग्रह पर 1600 से भी ज्यादा ज्वालामुखी पाई जाती है।ये ज्वालामुखी बहुत खतरनाक होती है।एक यह भी कारण है की इस ग्रह पर जीवन नहीं होने का।

शुक्र ग्रह के बारे में अन्य तथ्य

  • शुक्र ग्रह कार्बन डाइऑक्साइड का विशाल भंडार है।
  • शुक्र ग्रह पर वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी से 92 गुना अधिक है।
  • सूर्य के प्रकाश को शुक्र ग्रह तक पहुँचने में लगभग 6 मिनट लगते हैं व् इस प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट 20 सेकंड लगते है.
  • शुक्र ग्रह पर सूर्योदय पश्चिम मे और सूर्यास्त पूरब में होता है।
  • शुक्र ग्रह को भोर का तारा कहा जाता हैं।


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