शनि ग्रह के बारे में कुछ आकर्षक बातें
बात थी सन 1610 में जब गैलीलियो ने एक अजीब से आकाशीय पिंड को अंतरिक्ष में खोजा जिसके चारो ओर अजीब से वलय बने हुए थे, वह कोई और नहीं बल्कि शनि ग्रह था।आज हम शनि ग्रह के बारे में कुछ अजीबो-गरीब बाते जानेंगे जो कि आपको अचंभे में डाल देंगे।
तो चलिए शुरू करते है
शनि ग्रह के उपग्रह की संख्या
बृहस्पति ग्रह के पास 79 ग्रह है। जिसे हमारा सोलर सिस्टम का सबसे अधिक उपग्रह वाला ग्रह था। पिछले साल शनि ग्रह के 20 नए उपग्रह खोजे गए, जिसके बाद शनि ग्रह के उपग्रहों की संख्या 62 से बढ़कर 82 हो गई।इसलिए हमारे सोलर सिस्टम का सबसे अधिक उपग्रह वाला ग्रह बन गया। टाइटन जो कि हमारे सोलर सिस्टम का सबसे बड़ा उपग्रह है, जो शनि का परिक्रमा करता है।टाइटन के बारे में एक फैक्ट है कि इस उपग्रह में पानी का भंडार है और भविष्य में इस उपग्रह में मनुष्य का वास होगा।
इसे पढ़ना ना भूले
शनि ग्रह तैरता हुआ ग्रह
शनि ग्रह की सूर्य की दूरी 142 करोड़ 66 लाख 66 हजार 422 किलो मीटर है, और यह पृथ्वी के व्यास से 9 गुना बड़ा है।जबकि इसका घनत्व पृथ्वी से 8 गुना कम है साथ ही साथ इसके घनत्व पानी से भी काम है, इसी कारण के यदि इस ग्रह को पानी के किसी विशाल कुंड में डाल दिया जाए तो यह ग्रह डूबने के बजाए ताएरेगा।
यह भी पढ़ें
शनि ग्रह का तापमान
पृथ्वी ग्रह का अधिकतम तापमान 50 से 55 डिग्री सेल्सयस तक नोट किया गया।लेकिन शनि ग्रह का सतह का तापमान 139 डिग्री सेल्सियस रहता है, जिसके कारण उस ग्रह पर जीवन संभव नहीं है।इस ग्रह का तापमान इतना है कि इस ग्रह पर पानी है चंद सेकेंडों में भाप बन जाएगी।
शनि ग्रह पर आप खड़े नहीं हो सकते
शनि ग्रह हाइड्रोजन और हीलियम ग्रह से बना हुआ है। यह ग्रह केवल गैसो से मिलकर बना हुआ हैं। इसीलिए आप इस ग्रह पर खड़े नहीं हो सकते हैं।
शनि ग्रह का दिन और वर्ष
शनि ग्रह बड़ा अजीब ग्रह है। ग्रह का एक दिन 10 घंटा 14 दिन के बराबर होता है।जबकि उसका एक साल पृथ्वी के 29 साल के बराबर है।
यह भी पढ़ें
शनि ग्रह का आकार
हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहसती ग्रह है जो कि पृथ्वी से 1300 गुना बड़ा है।बृहस्पति ग्रह के बाद शनि ग्रह हमारे सोलर सिस्टम का सबसे बड़ा ग्रह है।शनि ग्रह पृथ्वी से लगभग 763 गुना बड़ा है।
शनि ग्रह का वलय अर्थात रिंग
शनि ग्रह के चारो तरफ रिंग बना हुआ हैं यानी रिंग जिस के कारण शनि ग्रह को रिंग ग्रह भी कहते हैं ।शनि ग्रह का वलय 2 लाख 70 हजार किलोमीटरमीटर तक फैला हुआ है जबकि इसकी मोटाई एक किलो मीटर से भी कम है। ऐसा माना जाता है कि शनि ग्रह के वलय पर एलियन रहते हैं ।शनि ग्रह का वलय बर्फ, धूल से बना हुआ हैं। यह वलय टेलीस्कोप से देखने पर काफी सुंदर दिखाई देते हैं।
शनि ग्रह का तूफान
पृथ्वी पर सबसे अधिक तूफान 400 किलोमीटर प्रति घंटा नोट किया गया है।जबकि शनि ग्रह का तूफान की रफ्तार 1800 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाती है।2004 में शनि ग्रह पर बहुत ही भयानक तूफान आया था।यह तूफान इतना बड़ा था कि उस तूफान में ब्रिटेन जैसे 12 देश समा सकते है।जिसे ड्रैगन स्टॉर्म कहा गया।वैज्ञानिकों की मानें तो शनि ग्रह पर एक और भयानक तूफान आएगा जिसकी रफ्तार पृथ्वी पर आईं तूफान से 10000 गुना ज्यादा होगा।
इसे भी पढ़े
कुते रात में क्यों रोते हैं?
बिल्ली को अशुभ क्यो माना जाता है?
क्या सूर्य अंतरिक्ष में जलता नहीं है? सूर्य के बारे में ऐसे बाते जो आप नहीं जानते होंगे
कुछ सवाल ऐसे भी जिनका जवाब विज्ञान के पास नहीं है?
मित्रो आपका इस आर्टिकल के बारे में क्या राय है हमें कॉमेंट द्वारा बतावे।
बिल्ली को अशुभ क्यो माना जाता है?
क्या सूर्य अंतरिक्ष में जलता नहीं है? सूर्य के बारे में ऐसे बाते जो आप नहीं जानते होंगे
कुछ सवाल ऐसे भी जिनका जवाब विज्ञान के पास नहीं है?
मित्रो आपका इस आर्टिकल के बारे में क्या राय है हमें कॉमेंट द्वारा बतावे।
0 टिप्पणियाँ